औरत की विवशता (Thoughtful) - Quote by Tulsi Kushwah - Spenowr
profile_img

Tulsi Kushwah

Individual Artist

Writer

RATING NOT AVAILABLE

    0
  • Like

    0
  • Follower

    7
  • S Points

    1
  • Awards

औरत की विवशता

औरत को अदब में रहने की दी लाख हिदायत उस मर्द ने खुद तोड़ डालीं मगर अपनी सीमाएं सीखाते हैं औरत को ही लाज शर्म की बातें जबकि खराब हैं साहब यहां मर्द की निगाहें
By:©Tulsi Kushwah
www.spenowr.com
औरत की विवशता -Quote

औरत को अदब में रहने की दी लाख हिदायत उस मर्द ने खुद तोड़ डालीं मगर अपनी सीमाएं सीखाते हैं औरत को ही लाज शर्म की बातें जबकि खराब हैं साहब यहां मर्द की निगाहें



All Comments





Users Other Quote/Poem


Users Other Artworks Not Found





Related Quote/Poem