हम (Life) - Poem by Anshika Verma - Spenowr
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Anshika Verma

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हम

मुझे अपना एक तारा एक फ़लक चाहिए ये दुनिया आम है, मुझे कुछ अलग चाहिए मेरी कहानी और किस्से पढ़ने वाले कह रहे थे कि तुम्हारे जख्म गहरे हैं तुम्हें कोई मलहम चाहिए तुमको कान्हा की मुरली और मूर्ति दोनों मिल जाएं तलब़ तो है मीरा जैसी राधिका जैसे सबर चाहिए!!! ~अंशिका वर्मा
By: ©Anshika Verma
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हम -Poem

मुझे अपना एक तारा एक फ़लक चाहिए ये दुनिया आम है, मुझे कुछ अलग चाहिए मेरी कहानी और किस्से पढ़ने वाले कह रहे थे कि तुम्हारे जख्म गहरे हैं तुम्हें कोई मलहम चाहिए तुमको कान्हा की मुरली और मूर्ति दोनों मिल जाएं तलब़ तो है मीरा जैसी राधिका जैसे सबर चाहिए!!! ~अंशिका वर्मा



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