लिख रही हैं चाँदनी(Inspirational) - Poem by Misal Lashkari - Spenowr
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Misal Lashkari

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लिख रही हैं चाँदनी -Poem

लिख रही हैं चाँदनी कोई अजब कहानी कुछ नये रंगों में वही बात पुरानी पहचाना ना रूप कोई हुई बड़ी हैरानी अलग अलग हैं ढंग मगर हैं वही ज़ुबनी लिख रही हैं चांदनी कोई अजब कहानी



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