अंजान किस्सा...! -Poem
शब्द बयान नहीं हो रहे, तुम अंतर नापे जा रहे हो, एक किस्सा अधूरा रह गया, तुम नए बनाए जा रहे हो, बातें व्यर्थ लगे मेरी, तुम खुद किए जा रहे हो, एक दफा गौर करो, जज्बातों पर, तुम आगे भड़े जा रहे हो.....!
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Writer, Musician
Uttar Pradesh, India
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शब्द बयान नहीं हो रहे, तुम अंतर नापे जा रहे हो, एक किस्सा अधूरा रह गया, तुम नए बनाए जा रहे हो, बातें व्यर्थ लगे मेरी, तुम खुद किए जा रहे हो, एक दफा गौर करो, जज्बातों पर, तुम आगे भड़े जा रहे हो.....!