शायरीया(Life) - Poem by Adesh Mohalkar - Spenowr
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Adesh Mohalkar

Individual Artist

Writer

Maharashtra, India

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शायरीया

शायरीया सुनकर दिल बहलता कुछ अपनो की यादें ताजा कराती और एक बात कभी उसे अपना बनाने की बात होती और सोचता ही रहता हू में तो एक अजनबी हू कहा रात में तस्वीर देखी तो आँसुओ का सैलाब बन गया आज फिर शायरीया पड़ते जाऊँगा अपनो की यादें जो बुलाती - आदेश
By: ©Adesh Mohalkar
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शायरीया -Poem

शायरीया सुनकर दिल बहलता कुछ अपनो की यादें ताजा कराती और एक बात कभी उसे अपना बनाने की बात होती और सोचता ही रहता हू में तो एक अजनबी हू कहा रात में तस्वीर देखी तो आँसुओ का सैलाब बन गया आज फिर शायरीया पड़ते जाऊँगा अपनो की यादें जो बुलाती - आदेश



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