मोहब्बत -Poem
वो दिखे तो सजदे में सर झुका हर दुआ में नाम उसका पढ़ लूंगी इश्क़ की बात छिड़े, तो बात उसकी कहके महफिलों में हमारे किस्से सरेआम कर लूंगी वो मेरा है, वो मेरा है कहने से पहले मैं उसकी होकर ख़ुद को बदनाम कर लूंगी हर गीत, हर ग़ज़ल, हर शायरी मेरी, उसकी होगी मैं अपनी धड़कनें तो क्या, अब सांसें भी उसके नाम कर दूंगी।।