यादें... -Poem
गमों को भूलाने के लिए मेनें कलम उठायी, उसी कलम ने हर पंक्ति पर तेरी याद दिलायी , लिखने की चाहत कुछ और धी , पर हर शब्द ने तेरी बात बतायी, लिखा किसमत का मिटाउ कैसे सागर , भूलकर भी तूमहे भूल ना पाऊं, ऐसी है तु मुज मै समायी ।
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Gujarat, India
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गमों को भूलाने के लिए मेनें कलम उठायी, उसी कलम ने हर पंक्ति पर तेरी याद दिलायी , लिखने की चाहत कुछ और धी , पर हर शब्द ने तेरी बात बतायी, लिखा किसमत का मिटाउ कैसे सागर , भूलकर भी तूमहे भूल ना पाऊं, ऐसी है तु मुज मै समायी ।