यादें...(Love) - Poem by Rishabh Sagar - Spenowr
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Rishabh Sagar

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Gujarat, India

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यादें...

गमों को भूलाने के लिए मेनें कलम उठायी, उसी कलम ने हर पंक्ति पर तेरी याद दिलायी , लिखने की चाहत कुछ और धी , पर हर शब्द ने तेरी बात बतायी, लिखा किसमत का मिटाउ कैसे सागर , भूलकर भी तूमहे भूल ना पाऊं, ऐसी है तु मुज मै समायी ।
By: ©Rishabh Sagar
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यादें... -Poem

गमों को भूलाने के लिए मेनें कलम उठायी, उसी कलम ने हर पंक्ति पर तेरी याद दिलायी , लिखने की चाहत कुछ और धी , पर हर शब्द ने तेरी बात बतायी, लिखा किसमत का मिटाउ कैसे सागर , भूलकर भी तूमहे भूल ना पाऊं, ऐसी है तु मुज मै समायी ।



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