दीवाली(Life) - Poem by Rishabh Sagar - Spenowr
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Rishabh Sagar

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Writer

Gujarat, India

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दीवाली

झगमग दीयो और रोशनी के संग , नये वस्त्र ऐवं श्रृंगार के संग , लक्ष्मीजी और गणेशजी की पुजा के संग मिठाई और नमकीन के संग , धूऐ और बारूद ( फटाके) के संग , मा-बाप के आशीर्वाद एवं परिवार के प्रेम संग, यारो की मेहफिले और मस्ती के संग , " सागर " ,के शब्द ऐवं शुभकामनाओ के संग, आओ मिलकर सजाये , " दिवाली " खुशियाँ के संग सौहार्द के रंग ।
By: ©Rishabh Sagar
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दीवाली -Poem

झगमग दीयो और रोशनी के संग , नये वस्त्र ऐवं श्रृंगार के संग , लक्ष्मीजी और गणेशजी की पुजा के संग मिठाई और नमकीन के संग , धूऐ और बारूद ( फटाके) के संग , मा-बाप के आशीर्वाद एवं परिवार के प्रेम संग, यारो की मेहफिले और मस्ती के संग , " सागर " ,के शब्द ऐवं शुभकामनाओ के संग, आओ मिलकर सजाये , " दिवाली " खुशियाँ के संग सौहार्द के रंग ।



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