जीत की आशा -Poem
नही मिलता हो अगर कोई भी दिशा बस चलते रहो रखके खुद पे भरोसा किसी और पे नही खुद से रखो आशा तुम कमज़ोर नही जो तुम चाहिए झूठी दिलासा चुनौतियों में भटके हुए हो,फिर भी मत छोड़ो जीत की अभिलाषा बिस्वास रखो खुदपे,योद्धा के सामने झुकता है यह जमाना हमेशा
if you just keep going in any direction trust yourself and not in anyone else. Hope you are not weak whatever you want. You are lost in false comfort challenges. However don t give up your desire to win keep your desire for victory. This time always bow down to the warrior.