ए मालिक (Thoughtful) - Poem by NITESH KUMAR SETHI - Spenowr
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Nitesh Kumar Sethi

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Odisha, India

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ए मालिक

ए मालिक तेरा रहम मुझपे बरसे हमेशा तेरा करम मेरे साथ रहे हमेशा दिखाते रहे सदा सच्चाई की दिशा ताकि चढ़ ना पाए मूझपे बुराई का नशा लाख तकलीफें और परसानियां आए जिंदगी में मगर तोड़ ना पाए मेरा तुझपे है जो भरोसा
By: ©Nitesh Kumar Sethi
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ए मालिक -Poem

ए मालिक तेरा रहम मुझपे बरसे हमेशा तेरा करम मेरे साथ रहे हमेशा दिखाते रहे सदा सच्चाई की दिशा ताकि चढ़ ना पाए मूझपे बुराई का नशा लाख तकलीफें और परसानियां आए जिंदगी में मगर तोड़ ना पाए मेरा तुझपे है जो भरोसा

Malik your mercy has lasted on me your mercy has always been with me always showing me the direction of truth so that I cannot climb the intoxication of evil suffering and suffering in my life but cannot break my trust in you who trust me.

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