मंजिल की तलाश -Poem
भटक रहा हुं मंजिल की तलाश मैं इंतजार कर रहा हूं दोस्त की ख्वाइश मैं भूले बिसरे राही की तरह हालत है मेरी संभलते संभलते बिखर गया हूं इस आजमाइश मैं
I am looking for the destination I am waiting for the destination. Friend s wish I am in a situation like Bhule Bissare Rahi. I have been shattered with my steadiness. I tried this