मंजिल की तलाश(Thoughtful) - Poem by NITESH KUMAR SETHI - Spenowr
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Nitesh Kumar Sethi

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Writer

Odisha, India

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मंजिल की तलाश

भटक रहा हुं मंजिल की तलाश मैं इंतजार कर रहा हूं दोस्त की ख्वाइश मैं भूले बिसरे राही की तरह हालत है मेरी संभलते संभलते बिखर गया हूं इस आजमाइश मैं
By: ©Nitesh Kumar Sethi
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मंजिल की तलाश -Poem

भटक रहा हुं मंजिल की तलाश मैं इंतजार कर रहा हूं दोस्त की ख्वाइश मैं भूले बिसरे राही की तरह हालत है मेरी संभलते संभलते बिखर गया हूं इस आजमाइश मैं

I am looking for the destination I am waiting for the destination. Friend s wish I am in a situation like Bhule Bissare Rahi. I have been shattered with my steadiness. I tried this

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